क्यों होते हैं माता-पिता भगवान का रूप? करें माता-पिता का सम्मान – Mata Pita Ka Samman
प्यारे दोस्तों, हमारे माता और पिता जी का नाम आते ही हम सब के अंदर जैसे एक अलग सी भावना, एक अलग सा एहसास और एक गर्व सा आ जाता है। लगने लगता है जैसे हमारे साथ पूरी दुनिया है। दोस्तों, माता-पिता (Mata-Pita) के लिए लिखने का मेरा बहुत पहले से मन था और आज मुझे बहुत ख़ुशी है की मैं आज अपने और हम सब के माता पिता के आशीर्वाद से यह काम कर रहा हूँ। ऐसा लगता है जैसे उनके आशीर्वाद के बिना शायद एक कदम भी चल पाना बहुत मुश्किल है और यह सच भी है। माता-पिता का सम्मान हम सभी को करना चाहिए।
माता पिता चाहे मेरे हों या आपके इससे क्या फर्क पड़ता है क्योंकि जिस तरह भगवान् जी किसी एक के न होकर हम सब के होते हैं ठीक उसी प्रकार माता पिता भी सबके एक जैसे ही होते हैं। अपने माता-पिता का सम्मान (Mata Pita Ka Samman) करना ही हमारा परम कर्त्वय होना चाहिए। हमारे होते हुए हमारे माता पिता को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
लेकिन दोस्तों, एक सच मुझे हर रोज़ बहुत परेशान करता है और वह सच है की आजकल आपने अक्सर ही देखा होगा की बहुत से लोग अपने माता पिता का सम्मान करना तो बहुत दूर की बात है वह तो उनसे बात तक करना नहीं चाहते हैं और यहाँ तक की उन्हें अपने पास भी नहीं रखना चाहते और इसी वजह से उन्हें किसी वृद्धाश्रम में छोड़ कर आ जाते हैं और कई बार तो लोगों को यह भी मालूम नहीं होता की उनके माता पिता आखिर हैं कहाँ पर?
अक्सर, यह देखा गया है कि ऐसा तब होता है जब माँ बाप अपने लाडले बेटे का विवाह करते हैं और अपने घर में नई दुल्हन को लेकर आते हैं। विवाह से पहले तो सब ठीक होता है बेटा अपने माँ बाप का कहना भी मानता है और उनका सम्मान भी करता है। परन्तु, एक दम से ना जाने विवाह के बाद ऐसा क्या हो जाता है कि वही बेटा अब माता पिता से नज़रें चुराने लगता है और उनसे दूर होता चला जाता है।
दोस्तों, मैं यह कहना चाहूँगा कि अपने जीवन में हर रिश्ते को उसकी जगह दीजिए। जिसको आप विवाह करके अपने घर ले कर आए हैं उनका सम्मान भी आपको ही करना है और ख्याल भी रखना है। परन्तु, इसके साथ साथ आपको अपने माँ बाप को भी वही अधिकार देना है जो कि आप देते आए हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए की विवाह के बाद आप बदल जाएं और माता पिता का अधिकार (Mata Pita Ka Adhikar) उनसे छीन लें।
दोस्तों, शायद हम इस बात को भूल जाते हैं की हमारे माता पिता ने हमारे जन्म से लेकर आज तक ना जाने किस किस तरह की परेशानियों का सामना किया है पर किसी भी सूरत में हमें कोई मुसीबत नहीं आने दी। तो फिर आज हम कैसे इतने बेग़ैरत हो सकते हैं की उनके किये गए बलिदान को भूल जाएं। यह हमारे माता पिता का आशीर्वाद (Mata Pita Ka Aashirwad) ही है जो हम आज अपने जीवन में कुछ करने योग्य हो गए हैं।
मैं आपको यहाँ यह बताना चाहता हूँ की हमारे जीवन में हमारे माता पिता का महत्व कितना है और क्यों ऐसा कहा जाता है की माता पिता भगवान् का रूप होते हैं और क्यों हमें उनका सम्मान करना चाहिए। अगर हमने अपने माता पिता की पूजा कर लें तो वह भी भगवान् की पूजा से कम नहीं होती।
क्या है माता पिता का हमारे ऊपर क़र्ज़ – Mata Pita Ka Karz
दोस्तों, माता पिता का क़र्ज़ हम चाह कर भी कभी नहीं उतार सकते। यदि हम यह कहें की मैंने अपने माता पिता के लिए यह कर दिया वह कर दिया तो यह केवल और केवल हमारा भरम होगा। आइए जानते हैं कैसे हमारे माता पिता हमारे लिए संघर्ष करते हैं और क्या है माता पिता का प्यार?
- हमारे जन्म का समय
दोस्तों, सबसे पहली और जरुरी बात और क़र्ज़ तो यही है की हमारे माता पिता जी ने हमें इस दुनिया में आने का अवसर दिया और केवल उनकी वजह से ही हम इस संसार में आ सके। हमारी माँ ने हमें जन्म देने के लिए कितना कुछ सहा होगा कितनी तकलीफ से गुजरी होगी हमारी माँ। जब रात को बच्चा बिस्तर गीला कर देता है तो माँ उसको सूखे में सुलाती है और खुद गीली जगह में सो जाती है। हमारा नाम हमारे माता पिता के नाम के साथ जुड़ जाता है और कितने सपने देखते हैं सब माता पिता अपने बच्चे के लिए की वह उसको ऐसे संस्कार देंगे और वह आगे चलकर उनका सहारा बनेगा। लेकिन दुःख होता है यह देख कर की आज वही बच्चे इन सब बातों को भूल रहे हैं और माता पिता का अपमान कर रहे हैं।
- हमारी बाल अवस्था
जब हम अपने जीवन में बाल अवस्था में थे तब भी माता पिता ने हमें हर पल अपने प्यार के साए में रखा और हमारी हर छोटी बड़ी ख़ुशी का ध्यान रखा। जब भी हमने किसी खिलोने या किसी और वस्तु के लिए उनसे ज़िद्द की तो उन्होंने बिना अपनी हैसियत को देखे हमारी उस ख्वाहिश को पूरा किया। क्योंकि माता पिता कभी भी अपने बच्चे को किसी भी चीज़ के लिए रोते हुए नहीं देख सकते फिर इसके लिए चाहे उन्हें कुछ भी क्यों न करना पड़े। माता पिता का मार्गदर्शन ही हमारे लिए पूरे जीवन हमारे साथ चलता है और हमें इस दुनिया में अपने आप को कामयाब होने में सहायक होता है।
- हमारी किशोर अवस्था
जब बच्चा अपने जीवन के किशोर अवस्था में होता है तब भी माता पिता को उसका बहुत ध्यान रखना होता है। फिर चाहे वह लड़का हो या लड़की दोनों के लिए ही माँ बाप को सचेत रहना होता है। वह हमें हर वक़्त यही समझाते हैं कि किस तरह हमें सही चीज़ों का चुनाव करना है और सही फैसला लेना है जिससे कि हम किसी गलत रास्ते पर नहीं चलने लगें। बच्चे का मन किशोर अवस्था में बहुत ही चंचल होता है जो कि गलत रास्ते पर बहुत जल्दी ही चलने को तैयार हो जाता है और माँ बाप को बस यही चिंता रहती है कि उनका बच्चा ठीक रहे और मन लगा कर पढाई करे। माता पिता का प्यार (Mata Pita Ka Pyar) ही तो है जो इस दुनिया में किसी भी चीज़ को देकर नहीं मिल सकता।
- हमारी युवा अवस्था
जब हम अपने बालक काल से निकल कर और अपनी पढाई पूरी करके निकलते हैं तब माँ बाप को हमारे भविष्य की चिंता होती है और हमारे वैवाहिक जीवन कि चिंता भी उनको हर समय रहती है। अपने हर कर्त्वय को एक दम सही से निभाना चाहते हैं हमारे माता पिता। फिर हमारे लिए जीवन साथी की तलाश में लग जाते हैं। हर माँ बाप (Maa Baap) के जीवन का सपना होता है की उनका बच्चा माता पिता का नाम रोशन करेगा और अब उनके बुढ़ापे में उनकी लाठी बनेगा अर्थात उनका सहारा बन कर चलेगा। माँ बाप अपने दिन रात एक कर देते हैं अपने बच्चे को उसके जीवन में कामयाब करने के लिए और माता पिता के आशीर्वाद से ऐसा होता भी जरूर है।
जब माँ बाप को अपना बच्चा थोड़ा सा भी उदास लगता है तो वह भी खुश नहीं हो पाते और उसके दुःख का कारण जान कर उसको सहारा देते हैं की वह उसके साथ हैं।
- हमारी वृद्धा अवस्था
दोस्तों, हम चाहे जितने भी बड़े क्यों न हो जाएं लेकिन अपने माँ बाप के लिए हम हमेशा ही बालक रहते हैं। माँ बाप के प्यार की जरूरत हमें उस समय भी होती है। माता पिता का आशीर्वाद (Mata Pita Ka Aashirwad) उस वक़्त भी हमें एक बड़ा सुकून देता है। उस समय भी माँ को यही चिंता रहती है मेरे बच्चे ने खाना खाया या नहीं? उसको किसी तरह की कोई तकलीफ तो नहीं हैं ना? उस समय हमारे आस पास चाहे कितने भी लोग क्यों ना हों लेकिन माँ बाप की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता।
माता पिता का महत्व मेरे ख्याल से शब्दों में ब्यान करना मुश्किल है। माता पिता की कोई परिभाषा नहीं दोस्तों, आपके माता पिता ही इस दुनिया की सबसे अनमोल चीज़ हैं आपके पास इनको सदैव अपने पास रखना।
प्राप्त करें माता पिता का आशीर्वाद – Mata Pita Ka Aashirwad
लेकिन आज मुझे बहुत दुःख होता है जब सुनता हूँ या देखता हूँ की बच्चे अपने माता पिता का अपमान कर रहे हैं और कहना नहीं मान रहे और उन पर अत्याचार कर रहे हैं। दोस्तों, हम में से ही हैं वह बच्चे जो ऐसा कर रहे हैं।
याद रखना दोस्तों, माँ बाप के प्यार का क़र्ज़ बच्चा कभी अपने जीवन में नहीं दे सकता फिर चाहे वह इसके लिए अपने प्राण भी क्यों ना दे दें। माँ बाप ने जो हमें लाड दिया और प्यार दिया वह अनमोल होता है उसका कोई मोल नहीं। माँ बाप जितना कोई भी हमें प्यार नहीं दे सकता कोई हमारा ख्याल नहीं रख सकता। कभी माँ का प्यार नहीं भूलना। माँ की ममता और उसका दुलार कभी अपने दिल से निकालना नहीं। जो एक माँ अपने बच्चे के लिए कर सकती है जो दुःख वह सहन कर सकती है वह किसी और में हिम्मत नहीं।
माता पिता को संसार में भगवान् का दर्जा दिया गया है। इनको इतना ही पवित्र बताया गया है जितना की हम किसी मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद या गिरज़ा घर को मानते हैं। यदि कभी किसी दिन हमारे अंदर यह ख्याल आए की हमने अपने माता पिता के लिए कुछ ऐसा किया है की हमने उनके क़र्ज़ को उतार दिया है तो यह हमारे जीवन की सबसे बड़ी भूल होगी क्योंकि बच्चा माँ बाप का क़र्ज़ कभी किसी भी कीमत पर नहीं उतार सकता फिर इसके लिए चाहे वह कुछ भी कर ले।
माता पिता का साथ और प्यार हमारे लिए ऐसे ही ज़रूरी है जैसे की हमें जीने के लिए सांसें लेना ज़रूरी होता है। दोस्तों, हमें केवल अपने ही नहीं बल्कि सभी के माता पिता का सम्मान करना चाहिए (Mata Pita Ka Samman Karna Chahiye) क्योंकि भगवान भी तो हम सबके ही हैं। हमें सदैव अपने माँ बाप का कहना मानना चाहिए और उनकी हर बात का पालन करना चाहिए।
आज भले ही हमें माता पिता की कुछ बातें अच्छी ना लगती हों लेकिन एक दिन हमें समझ आ जाता है कि जो भी हमें उन्होंने कहा था वह सब एक दम सत्य था और हमारे लिए एक दम सही था।
दोस्तों, अंत में मैं यही कहूँगा कि अपने माता पिता का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद रोज़ ले। यकीन मानिये, आपको कभी कोई हरा नहीं पाएगा, सदा ही आपकी जीत होगी। मुश्किल से मुश्किल कार्य को भी आप पूरा कर लेंगे और हमेशा आप पर भगवान् की असीम कृपा बनी रहेगी।
अगर हमारे पास हमारे माँ बाप हैं तो यह माता पिता का नहीं बल्कि यह हमारा सौभाग्य है की हमारे पास इतनी बड़ी शक्ति हर वक़्त है।
हम सभी के माता पिता को मेरा शत शत नमन और प्रणाम!
Apne mata pita ke saath rehne ka adhikar ek ladki se kitni nirmamta se cheena jaata hai, shaadi ke naam pe.
Kya ek ladki ko apne mata pita se pyar karne ka adhikaar nahi hai? Kya use apne mata pita ke saath rehkar unke jeeevan ki rozmarra ke kaamon mein haath bataane ka adhikar nahi hai?
Hello Shanti G, bahut bahut shukriya aapne apne vichar humare sath sanjha kiye.
Ek ladki ko woh sabhi adhikar hain apne mata pita ki sewa karne ke jo ki ek ladke ko hote hain. Ek ladki apne mata pita ke sath jitna samay bitana chahti hai woh bita sakti hai.